किराये के कमरों में रहते हुए कि विवशता, कुढ़न और भड़ास है ये नज़्म। किराये के कमरों में रहते हुए कि विवशता, कुढ़न और भड़ास है ये नज़्म।
सब कुछ बदल गया दर्द-ए-जिंदगी की रहमतों के बाद। सब कुछ बदल गया दर्द-ए-जिंदगी की रहमतों के बाद।
गर साथ तू हो, वीराने में भी, दिलकश नज़्ज़ारा लगे है मुझे | भंवर में फंसी मेरी ज़िन्दगी को, बस तू किना... गर साथ तू हो, वीराने में भी, दिलकश नज़्ज़ारा लगे है मुझे | भंवर में फंसी मेरी ज़िन...
तेरी याद वीरान ज़िन्दगी में बहार ला देती है तेरी याद वीरान ज़िन्दगी में बहार ला देती है
प्यार भरे स्वप्निल जज़्बात लिये दो दिलों की कहानी ,कवि की ज़ुबानी प्यार भरे स्वप्निल जज़्बात लिये दो दिलों की कहानी ,कवि की ज़ुबानी